नोटबोंदी मोतलब ग़रीबों से छीनो, अमीरों को दो-ममता बैनर्जी


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता के गुस्से से सब वाकिफ़ हैं, मगर फिर भी उनके चंडी रूप को देखकर सब हैरान हैं। हों भी क्यों न? उन्होंने नोटबंदी का विरोध करने के मामले में मोदी के नियमित आलोचक अरविंद केजरीवाल तक को पीछे जो छोड़ दिया है। वे खुले आम मोदी को चैलेंज कर रही हैं, उनसे दो-दो हाथ करने पर आमादा हैं। उनके इस उग्र रूप को देखकर लगता है कि अगर उनका वश चले तो वे तीसरा नेत्र खोलकर मोदी सरकार को एक क्षण में ही भस्म कर दें।

Take it from the poor - Mamata Banerjee
अन्य विपक्षी नेताओं के मुक़ाबले ममता का विरोध भी अलग किस्म का है। उसमें खीझ है, गुस्सा है, उग्रता है, हिंसा है, घृणा है और न जाने क्या-क्या है। फिर वे एकला चलो की तर्ज़ पर मोर्चा खोले हुए हैं। यहाँ तक कि नरेंद्र मोदी को हटाने का संकल्प तक ज़ाहिर कर चुकी हैं। ज़्यादातर विपक्षी दल संसद में अपनी शक्ति दिखा रहे हैं, तो ममता ने बाहर से भी हल्ला बोल रही हैं।




ज़ाहिर है कि ढाई साल पहले मोदीवादी हुए हमारे संपादक को ममता बैनर्जी के ये रंग-ढंग पसंद नहीं आ रहे। लिहाज़ा उन्होंने मुझे कोलकाता दौड़ा दिया। उन्हें यक़ीन था कि पिछले एनकाउंटर की तरह मैं इस बार भी ममता को सही ढंग से निपटाऊंगा। मैं भी संपादकजी की अपेक्षाओं पर खरा उतरना चाहता था, इसलिए ममता बैनर्जी से संपर्क साधा और पहुँच गया रायटर्स बिल्डिंग। वे इस समय पिछली बार की ही तरह दीवार पर लगी एक तस्वीर पर निशाना साधने में लगी हुई थीं और पिछली बार की ही तरह उन्होंने मुझे देखकर कहा-ताक-झांक क्या कोरता है, भीतर आओ। ये तो स्पष्ट है कि मुझे देखकर उनके मुँह का स्वाद और भी कड़वा हो गया, इसलिए बिना चाय-पानी को पूछने के ही बोलीं-पूछिए, क्या पूछना है। मैंने भी बिना किसी भूमिका के सवाल दागने शुरू कर दिए।

ममताजी, लोगों को लग रहा है आप बुरी तरह बौखलाई हुई हैं? अगर ये सच है तो बताइए कि इसकी वजह क्या है?
ये उस मीडिया को लोगता है जिसको ज़ोमीन का सच्चाई मोलूम नई हैं। जब आप लोग देखेगा न कि पब्लिक किस माफ़िक पोरेशान हो रहा है, तो तुम भी बौखलाने लगेगा। तुम लोग सब अच्छा है, सब खुश है दिखाकर देश को मिसगाइड कोर रहा है। सच्चा बात दिखाएगा भी कैसे, तुम लोग सब डरपोक है। उधर से मोदी बंबू कोरता है तो तुम लोग माई बाप, माई बाप कोरने लगता है। इसी वास्ते बस उसका दिन रात आरती उतारता रहता है।

ममताजी आपकी जानकारी ग़लत है। हम लोग सब कुछ दिखा रहे हैं, इसीलिए मोदीभक्त भी खुश नहीं हैं और हमको ही गालियाँ दे रहे हैं?
हम ग़ोलत नहीं आप गोलत है। मोदी का भोक्तगन तो दबाव बनाने के वास्ते गालियाँ देता हैं। लेकिन आम लोग दुखिया मानुष है, वो गोस्सा में है इसलिए गाली देता है और वो गोस्सा में इसलिए है कि तुम लोग उसका दुख-दोर्द नहीं दिखाता।

लेकिन ममता जी, लोगों को लग रहा है कि आप मोदी के खिलाफ़ इतना ज़ोर-शोर से इसलिए लगी है क्योंकि आपका ब्लैक मनी कूड़ा हो गया?
ये तुम लोगों का दुष्प्रचार है। हम बोला न, मीडिया अभी बीजेपी का भाषा बोलने लगा है। पूरा बेंगाल जानता है ममोता कभी एक पैसा नहीं ले सकता, मगर तुम लोग हमको करप्ट बोलता। कोई सोबूत है तुम्हारे पास। है तो दिखाओ टीवी पर। वो नई कोरेगा। बस बीजेपी बोलेगा और तुम लोग तोता के माफ़िक रटने लोगेगा।

लेकिन आपने जिस तरह से मोदी और उनकी सरकार के ख़िलाफ़ मुहिम छेड़ी है, वैसी तो किसी ने नहीं चलाई? 
येयी तो तुम लोगों को सोमझना चाहिए न। टीएमसी अभी असली विपक्षी पार्टी है और मोमता अपोजीशन का सबसे बड़ा लीडर। हमरा जिम्मेदारी सबसे बेशी है, इसलिए हम बेशी बोलता है।

आप चाहे जो कहें लेकिन सारधा चिट फंड घोटाले का आपसे और आपकी पार्टी से जो संबंध सामने आया है, उसके बाद तो पब्लिक को यही लगता है कि आप अपने करप्ट लोगों को बचाने के लिए ऐसा कर रही हैं?
अब अगर मोदीजी अपने करप्ट लोगों को बचाने के लिए नोटबोंदी कर दिया तो हमको भी अपना करप्ट लोगों का रोक्षा तो करना होगा न। हम वही कोर रहा है।

ये तो ग़लत बात है न, वो गलत कर रहे हैं तो आप भी ग़लत करें?
पोलिटिक्स में पैसा-टका के बिना काम नई चोलता, इसलिए करना पड़ता। सब पार्टी कोरता। बीजेपी, काँग्रेस सब। हमको भी तो सरभाइभ करना है न इस सिस्टम में।

आप जिस तरह से विचलित दिख रही हैं उससे लगता है कि केंद्र सरकार ने आपको कोई नई धमकी दी है?
वो तो धोमकी रोज देता है। कभी बोलता है सीबीआई लगा देगा। कभी बोलता है मोमता को जेल में जाल देगा। अरे तुम्हारे बाप का कंट्री है क्या, जो तुम किसी के साथ कुछ भी कोरेगा।

तो ये बात है। आप केंद्र की धमकी का जवाब दे रही हैं?
हमको काउँटर तो कोरना पोड़ेगा न बाबा। लेकिन आई मस्ट से दैट दिस मोदी गवर्नमेंट डज़ नॉट रेस्पेक्ट कांस्टिट्यूशन एट ऑल।

वो कैसे?
हमरा कांस्टिट्यूशन इंडिया को फेडरल रिपब्लिक बनाया। स्टेट्स को अधिकार दिया। मगर मोदी सोरकार स्टेट्स को डिस्टेबलाइज़ करने में लगा हुआ है। मेरे पास पक्का सोबूत है कि बेंगाल सोरकार को गिराकर वह इधर में भी बीजेपी को लाने का कोशिश कर रहा है। 

ऐसा तो अभी उसने कुछ नहीं किया?
आपको कैसे पता होगा क्या किया और क्या नहीं किया। हम तो रोज़ डील कोरता है, हमको मोलूम वो कैसे हमरा सोरकार को कमज़ोर करने में लगा है। अभी तो फौज को भी लगा दिया था उसने।

क्या बात करती हैं ममता जी? आपको फौज के बारे में बात करते समय सावधान रहना चाहिए। फौज ने तो बाकायदा कागज़ात दिखाकर साफ़ कर दिया है कि वह ऐसा कुछ भी नहीं कर रही थी?
फौज कुछ नहीं कोर रहा था। हम उसको कुछ बोला भी नईं। मगर मोदी उसको यूज़ करके टेरर क्रिएट कर रहा था। मोदी पब्लिक के माइंड में फियर घुसाने में लगा है। हम ये अच्छे से जानता है इसलिए बोलता- ही इज़ वेरी डेंजेरस मैन, ही विल बी डिजॉस्टर फॉर द कंट्री। तुम देखना वो हिटलर के माफ़िक निकलेगा।




लगता है आपके अंदर मोदी का आतंक बैठ गया है, इसलिए आप कुछ भी कहती रहती हैं?
आतंक मेरे अंदर नहीं पोब्लिक के अंदर बैठ गया है। ये नोटबोंदी ने इमर्जेंसी का याद दिला दिया है सबको। मैं तो कहता है देश में अभी आर्थिक इमर्जेंसी चल रहा है। पूरा पोब्लिक डरा हुआ है कि पता नहीं ये पागल आदमी क्या कोरेगा।

नोटबंदी को तो ब्लैक मनी ख़त्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम मोदीजी बता रहे हैं। उन्होंने केवल पचास दिन माँगे हैं?
वो पचास दिन के बाद पचास महीने माँगेगा और फिर बोलेगा पचास साल दे दो। अब तो एक महीने से ऊपर हो गया है और सबको पता चोल गया है कि नोटबोंदी की आड़ में क्या हो रहा है।

क्या चल रहा है?
यही कि बीजेपी का लोग मोज़ा कर रहा हैं। बड़ा-बड़ा उद्योगपति, व्यापारी सबका चाँदी हो गया है। नोटबोदी के पहले बीजेपी ज़ोमीन खरीद रहा था और नोटबोंदी के बाद उसका नेता काले का सफ़ेद कर रहा था। अभी बेंगाल मे बीजेपी का नेता नया करेंसी और हथियार के साथ पकड़ा गोया है इसका ख़ोबर तो तुमको है न? तुमको ये भी पोता होगा कि कर्नाटक में बीजेपी का नेता ने पाँच सौ करोड़ का शादी किया। गडकरी ने भी अपना लोड़की का शादी में करोड़ों खर्च किया। कहाँ से मिला इनको इतना सारा नया कोरेंसी? आम आदमी को तो दो हज़ार भी नहीं मिल रहा।

तो आपके हिसाब से नोटबंदी बेकार है?
बिल्कुल। इसको तुरंत वापस लेना होगा…एकदम रोल बैक। बास्तब में, नोटबोंदी मोदी का नया पूँजीवाद है। मोदी का नोटबोंदी मतलब गरीबों से छीनो अमीरों को दे दो। वह विदेश से ब्लैक मनी तो लाने के सकता नहीं, मगर इधर ईमानदार लोगों को चोर बताकर बोदनाम कोरता है। शेम ऑन हिम। हम तो उसके हटने तक चैन से नईं बैठेगा। उसको हटाकर मानेगा।




आपको लगता है कि आपके एग्रेसिव स्टैंड से मोदीजी घबरा जाएंगे और सीबीआई को रोक देंगे?
हमारा काम है प्रेशर बनाना। हम वही कोरता।

मोदीजी से समझौता कर लीजिए?
वोई तो वो चाहता है। वो तो कबसे फीलर भेज रहा है, हमारे साथ आ जाओ, एनडीए में शामिल हो जाओ। मगर बेंगाल का प़ॉलिटिक्स में ये भूल मोमता कभी नहीं कोर सकता। हमको पोता है कि अगर हम मोदी से मिला तो सीपीएम ज़िंदा हो जाएगा, उसको मौक़ा मिल जाएगा। इसलिए ओपनली तो कुछ नहीं हो सकता।

चुपचाप हो सकता है?
राजनीति संभावनाओं का खेल है। इसमें कोई न परमानेंट फ्रैंड होता है और न परमानेंट एनेमी। लेकिन अभी कुछ बोलना प्रीमैच्योर होगा। अभी हम देखेगा कि दो-तीन महीने बाद मोदी क्या रंग दिखाता है, फिर डिसाइड कोरेगा किधर जाना है, नई जाना है।

इतना कहकर ममता बैनर्जी उठीं और दीवार पर चस्पाँ तस्वीर पर निशाने साधने लगीं। इसका मतलब था कि मुझे चला जाना चाहिए। मैंने यही किया।


Written by-डॉ. मुकेश कुमार
डॉ. मुकेश कुमार










अन्य पोस्ट :
मोदी की नोटबंदी न देशहित में है,  न जनहित में-नीतीश
मैं तो खुद सदमे में हूँ, क्या बोलूं कैसे बोलूँ-उर्जित पटेल
जब सरकार मुक़ाबिल हो...
न्यूज़ ऐंकरिंग के नए गुरु-मंत्र
मीडिया को जंगखोर किसने बनाया?
Who made media war hungry?
प्रायोजित स्वच्छता अभियानों का कूड़ा-करकट
प्रोपेगंडा मशीनरी से चमकता नक़ली विकास
अमिताभ बच्चन भाँड़ हैं भाँड़, जया उनसे ज़्यादा ईमानदार इंसान-काटजू
मेरा मुँह न खुलवाएं, एक-एक आदमी नंगा हो जाएगा-अमर सिंह
बलूचिस्तान से तो मेरी बल्ले-बल्ले हो गई, लॉटरी लग गई-नवाज़ शरीफ़

वैधानिक चेतावनी - ये व्यंग्यात्मक शैली में लिखा गया काल्पनिक इंटरव्यू है। कृपया इसे इसी नज़रिए से पढ़ें।

Share on Google Plus

0 comments:

Post a Comment