मैं अनगाइडेड मिसायल नहीं हूं, निशाने पर लगूंगा- स्वामी

सुब्रमण्यन स्वामी का ड्राइंग रूम देखने लायक जगह है। पहली नज़र में आपको लगेगा कि नेताओं के चित्रों की किसी प्रदर्शनी में आ गए हैं। चारों दीवारों पर बड़ी-बड़ी तस्वीरें लगी हुई हैं और मज़े की बात ये है कि वे किसी एक दल के नेताओं की नहीं हैं। उनमें सोनिया, राहुल से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक हर कोई मौजूद है। आप अभी हैरत से उनको निहारते हुए कुछ बूझने की कोशिश कर रहे होंगे तभी आपकी नज़र उनमें पड़े नंबरों पर जाएगी। टॉरगेट के निशान के साथ इन नंबरों को देखते ही आप भाँप जाएंगे कि माज़रा क्या है, क्योंकि स्वामी के चरित्तर से तो आप वाकिफ़ हैं ही।

Subramanian Swamy-deshkaal
Subramanian Swamy-deshkaal
मैं जब तस्वीरों में पड़े नंबरों को देखकर ये अंदाज़ा लगाने की कोशिश ही कर रहा था कि स्वामी के निशाने पर अब कौन हो सकता है, तभी स्वामी आए और मेरे असमंजस को देखकर हंस दिए। उनकी हँसी भी रहस्यमयी थी। मैंने सोचा एनकाउंटर में इस रहस्य से भी परदा उठाना होगा, मगर पहले तो ये जानना ज़रूरी था कि वे जिस पार्टी में हैं उसी की सरकार की पेंदी में छेद क्यों कर रहे हैं, लिहाज़ा इसी से शुरूआत हुई  -

स्वामी जी, ये बताइए कि आपको पता है कि आप जो सवाल उठा रहे हैं, उनसे आपकी ही सरकार की किरकिरी हो रही है, फिर ऐसा क्यों कर रहे हैं?
मैं तो अपनी सरकार को बचा रहा हूँ जो कि पार्टी के हर छोटे-बड़े कार्यकर्ता को करना चाहिए। अगर ग़लत लोग सरकार में हैं, तो उन्हें तो हटाना पड़ेगा न।

आप तो हर दिन एक नया नाम जोड़ रहे हैं, आपके हिसाब से तो सरकार में ग़लत लोगों की तादाद बहुत ज़्यादा है? 
हाँ, ये सही है मैं ऐसा ही मानता हूँ। सरकार में बहुत गंद भरा पड़ा है, उसकी सफाई करनी पड़ेगी। कुल सत्ताईस ऐसे अफसर हैं जिन्हें सरकार में नहीं होना चाहिए।

आपके इस सफ़ाई अभियान से अरूण जेटली बहुत नाराज़ हैं। उन्होंने अपनी नाराज़गी जाहिर भी कर दी है?
मुझे जेटली की नाराजगी से क्या लेना-देना। मैं जेटली का नौकर थोड़ा हूं या चमचा हूं जो उनकी तारीफ करता रहूँगा।

ऐसा लग रहा है कि आप मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम और दूसरे अफसरों के बहाने से जेटली पर हमला कर रहे हैं?
ये सब बकवास है। अरविंद को निकालने के लिए मैंने इसलिए कहा क्योंकि वह अमेरिका का एजेंट है और उसके पहले के बयान इसकी पुष्टि करते हैं। वह तो मोदी के गुजरात मॉडल में भी खोट निकाल चुका है।

तो आपके हिसाब से मोदी और जेटली ने उन्हें क्यों नियुक्त क्यों किया?
मुझे क्या पता। हो सकता है अमेरिका का प्रेशर रहा हो। हो सकता है कि आईएमएफ या वर्ल्ड बैंक के कहने पर उसे रखा गया हो। अगर ऐसा नहीं होता तो क्या देश में आर्थिक् विशेषज्ञों की क्या कमी है।

आपने रघुराम राजन की देशभक्ति पर संदेह प्रकट किया और अब अरविंद सुब्रमण्यम के बारे में यही कर रहे हैं। क्या आपके हिसाब से विदेश में रहने वाले हर भारतीय की देशभक्ति संदिग्ध है?
हाँ, मैं ऐसा मानता हूँ कि जो लोग देश छोड़कर बाहर बस गए हैं, दूसरे देशों के लिए काम करते हैं, उनकी राष्ट्रभक्ति भरोसे के लायक नहीं है।

ये एक तरह का नस्लवाद नहीं है?
नहीं है और अगर है तो हो। लोग मुझे हिंदूवादी कहते हैं, अगर कुछ लोग नस्लवादी कहने लगेंगे तो क्या फ़र्क पड़ता है। मुझे तो हिंदुस्तान में रहने वाले हिंदुओं के अलावा कोई राष्ट्रभक्त नहीं दिखता।

एक ओर आपकी सरकार और प्रधानमंत्री भारतीय अनिवासियों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं और दूसरी ओर आप उन पर शक़ करके दूर कर रहे हैं, क्या ये ठीक है?
मैं मानता हूँ कि उनको लुभाने का कोई फ़ायदा नहीं होने वाला है। उन्हें लुभाने का काम पिछले दो दशकों से चल रहा है, मुझे बताइए कि उन्होंने अपने देश के लिए क्या किया, कुछ नहीं किया। बस रियायतें माँगते रहते हैं और शिकायतें करते रहते हैं।

माना जा रहा है कि आप वित्तमंत्री बनना चाहते हैं इसलिए अरूण जेटली को टॉरेगेट बना रहे हैं?
जेटली को क्या टॉरगेट बनाना, वो तो इतने कमज़ोर मोहरे हैं कि उन्हें कभी भी मात दी जा सकती है।

लेकिन आपने तो ट्वीट किया था कि आपको नसीहत न दी जाए नहीं तो ख़ून-खराबा हो जाएगा, ब्लड बाथ हो जाएगा?
जो लोग शीशे के घरों में रहते हैं वे दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते। जेटली मुझे अनुशासन में रहने की बात करके यही ग़ल्ती कर रहे हैं।

लेकिन उनके विरोध के बाद तो आपने शक्तिकांत दास से जुड़ी अपनी ट्वीट ही डिलीट कर दिया था। आप उनसे डर गए थे न?
डर शब्द मेरी डिक्शनरी में नहीं है। मैंने तो सौजन्यतावश ऐसा किया था, मगर यदि वे इसे मेरी कमज़ोरी समझ रहे हैं तो बहुत जल्दी उन्हें पता चल जाएगा कि मैं क्या कर सकता हूँ?

पार्टी आपके साथ नहीं खड़ी है। उसे कहा है कि ये आपकी निजी राय है?
पार्टी क्या करना चाहती है वह जाने, मगर मैं उसके दबाव में अपना स्टैंड नहीं बदलने वाला।

लेकिन पार्टी का एक भी नेता आपका समर्थन करने को तैयार नही है?
पार्टी डरपोक और चमचों से भरी पड़ी है। कोई बोलेगा कैसे। बोलने के लिए दम चाहिए जो मेरे अलावा किसी में नहीं है।

अगर आप ज़्यादा बोलेंगे तो पार्टी आपके खिलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है?
उसे जो करना है वो करे, मुझे जो करना है मैं करूँगा। लेकिन मैं बताऊं आपको कि किसी की हिम्मत नहीं हो रही है मेरे खिलाफ़ कुछ बोलने या करने की। सबको पता है कि सुब्रमण्यन स्वामी क्या चीज़ है। सबके राज़ मेरे पास हैं। क्या मोदी, क्या अमित शाह, क्या राजनाथ या सुष्मा स्वराज मेरे पास इतना मसाला है कि किसी को भी कुर्सी से उतार सकता हूँ।

आप जिस तरह से अपनी पार्टी के नेताओं के पीछे पड़ गए हैं, उससे कहा जा रहा है कि आप तो अगाइडेड मिसायल हैं, जो विपक्ष ही नहीं किसी पर भी गिर सकता है?
मैं अनगायडेड मिसायल नहीं हूँ और मेरा निशाना पक्का है, सही जगह लगूँगा। मैं जानता हूँ कि कई लोग मुझे सुसाइड बंबर भी कह रहे है, मगर मैंने कभी अपना नुकसान नहीं किया, दूसरों का ही शिकार किया है और बड़ों-बड़ों का शिकार किया है।

ये बताइए कि कहीं आप वित्तमंत्री तो नहीं बनना चाहते हैं? जब पार्टी में आप शामिल हो रहे थे तो अफवाह थी कि आप वित्तमंत्री बनाए जाने की शर्त पर ऐसा कर रहे है?
मैं तो प्रधानमंत्री भी बनना चाहता हूँ मगर इससे क्या फर्क पड़ता है। सीधी सी बात है कि मैं ग़लत चीज़ों को बर्दाश्त नहीं कर सकता इसलिए विरोध कर रहा हूँ। मेरा मक़सद मंत्री बनना नहीं है, वो तो मैं जिस दिन चाहूंगा बन जाऊँगा। कोई ताक़त नहीं है जो मुझे रोक सके। नागपुर से लेकर रेसकोर्स तक सब जानते हैं कि मेरी ताक़त क्या है और मैं क्या कर सकता हूं।

इसीलिए पार्टी और सरकार की हालत ऐसी हो गई है कि न निगलते बन रहा है न ही उगलते?
मैं निगलने या उगलने वाली चीज़ हूँ भी नहीं। जो निगलने की कोशिश करेंगे उनके मुँह जल जाएंगे, जो उगलने की कोशिश करेंगे उनके घर सही-सलामत नहीं रहेंगे। इसलिए बेहतर होगा कि मेरी बात पर गौर करें और सही क़दम उठाएं।

आप धमकी दे रहे हैं या नसीहत?
मेरी पार्टी के लोग समझदार हैं, वे समझ जाएंगे कि ये क्या है। इसके लिए आपको परेशान होने की ज़रूरत नहीं है।

वे तो आपकी निजी राय बताकर पल्ला झाड़ते जा रहे हैं
कब तक पल्ला झाडेंगे और कितना झाड़ेंगे। मैं सुब्रमण्यन स्वामी हूँ, किसी के पीछे पड़ जाता हूँ तो फिर उसका फ़ैसला करवाकर ही छोड़ता हूँ। लेकिन आप क्यों परेशान हो रहे हैं। ये मेरा और पार्टी का मामला है, हम इसको सुलझा लेंगे।

अच्छा इस मसले को यहीं छोड़ते हैं लेकिन ये बताइए कि आपने अपने ड्राइंगरूम में लगी तस्वीरों पर जो नंबर लिख रखे हैं उनके हिसाब से अब किसका नंबर?
ये मैं आपको क्यों बताऊँ? वैसे भी नंबर समय के हिसाब से बदलते रहते हैं।

उनमें तो मोदी की तस्वीर भी है?
वो तो होना ही है। मेरी हिट लिस्ट में सारे टॉप पोलिटिसियन रहते हैं। मोदी जी आज मेरे टॉरगेट पर नहीं हैं, मगर ग़लतियाँ करेंगे तो मैं उनको भी नहीं छोड़ूंगा।

क्या अभी तक उन्होंने ग़लती नहीं की है?
ये मैं आपको क्यों बताऊँ?

क्या उनकी ग़लतियों का घड़ा अभी नहीं भरा है?
मैंने कहा न कि मैं आपको क्यों बताऊँ। जब समय आएगा तो आपको खुद पता चल जाएगा। ये भी हो सकता है कि वो समय आए ही नहीं।

यानी अगर आप वित्तमंत्री बना दिए जाएं तो शायद आपके अभियान भी ठंडे पड़ जाएंगे?
मैं कुछ नहीं बोलूंगा। आप अपने मतलब निकाल लीजिए।

ये बताइए कि आप कभी उद्योगपतियों के पीछे नहीं पड़ते। कभी अडानी-अंबानी के खिलाफ़ भी तो मोर्चा खोलिए?
अरे उनसे पंगा लेकर मुझे अपनी जान आफत में थोड़ी डालनी है। उसके लिए प्रशांत भूषण वगैरा हैं, उन्हें करने दीजिए। मैं तो नेताओं और बाबुओं को निशाना बनाकर ही खुश हूँ। कभी-कभी मीडिया वालों को हिट करने में भी मज़ा आता है।

अंत में ये बताइए कि जेटली के खिलाफ़ आपका अभियान कब रुकेगा? पार्टी चुप रहने के लिए कहेगी तो क्या करेंगे?
मेरा रुकना न रुकना मेरे नहीं मोदीजी के हाथ में है। उन्हें डिसाइड करना है कि वे क्या चाहते हैं।  जल्द ही पार्टी को भी समझ में आ जाएगी कि मैं जो कह रहा हूँ वही ठीक है और वह भी मेरी बात मान जाएगी।

डॉ. मुकेश कुमार



हँसिए मतमेरी सुपाड़ी दी जा चुकी है जी-केजरीवाल

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2 comments:

  1. शानदार! आपके fake एनकाउंटर पढता रहता हूँ, अच्छा लगता है आपको पढ़ना.

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    1. धन्यवाद्! उम्मीद करते हैं कि आपका साथ हमें मिलता रहेगा ...

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