फिल्म अभिनेता ऋषि कपूर चाहते हैं कि वे कुछ भी लिखें, कैसा भी ट्वीट करें, उनसे कुछ न कहा जाए। अगर किसी को उनसे ऐतराज़ हो तो वह उन्हें फालो न करे, मगर उन्हें खुल्लमखुल्ला कुछ भी बोलने के लिए छोड़ दिया जाए।
अभिव्यक्ति की आज़ादी के हिसाब से देखा जाए तो उनकी ये माँग बेज़ा नहीं है। उन्हें पूरा हक़ है कि वे देश-विदेश की किसी भी घटना पर अपने विचार व्यक्त करें। ये उन्हें भारत का संविधान भी देता है। मगर वही संविधान आप पर कुछ मर्यादाएं भी लगाता है और अगर आप उनका उल्लंघन करते हैं तो आपको बख्शा नहीं जाएगा।
मसलन, आपने अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राषट्रपति पद की दावेदार मनोनीत की गई हिलेरी क्लिंटन के बारे में जो तस्वीर पोस्ट की और उस पर जिस तरह के विचार चस्पाँ किए वे बेहद आपत्तिजनक हैं। आपने उन्हें उनके पति के कारनामों से लाँछित करने की कोशिश की।
सबको पता है कि पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने व्हाइट हाऊस में इंटर्न मोनिका लेंविस्की के साथ क्या किया, मगर क्या इसके लिए उनकी पत्नी हिलेरी को ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है या इस तरह के भद्दे इशारे किए जा सकते हैं कि वे भी वही करेंगी?
आपने हिलेरी की जो तस्वीर चुनी वह भी आपकी ओर से एक अश्लील इशारा है। आप उस तस्वीर के साथ मुख-मैधुन का संकेत देना चाहते हैं, जो कि एक घृणित विचार है। इससे ज़ाहिर होता है कि आपके दिमाग़ में किस तरहकी गंदगी भरी हुई है।
ये विशुद्ध रूप से नारी-द्वेष का मामला है। ये बताता है कि आपकी नज़र में नारियों का क्या दर्ज़ा है। ज़रा सोचिए हिलेरी ने क्लिंटन जैसे बदनाम पति को झेलते हुए इतने कम समय मे ऐसी स्थिति बनाई कि अमेरिका में एक नया इतिहास रच दिया गया। किसी भी बड़े राजनीतिक दल द्वारा किसी महिला को पहली बार राष्रट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। यानी हिलेरी ने एक नई ज़मीन तोड़ी है और अगर वे राषट्र्पति बनती हैं तो ये बहुत बडी बात होगी।
मगर ऋषि कपूर शायद डोनाल्ड ट्रम्प जैसे नस्लवादी, तंगदिल, अय्याश और विचारहीन व्यक्ति के भक्त हैं, इसलिए उन्हें हिलेरी की कामयाबी रास नहीं आ रही। इसीलिए वे इतनी बड़ी चीज़ों को अनदेखा करके बिल क्लिंटन के उस दुष्कृत्य से हिलेरी को जोड़ रहे हैं जिसने पूरे अमेरिका की साख को धक्का पहुँचाया था।
दरअसल, ऋषि कपूर के दिमाग़ में कपूर एंड संस का वो बुड्ढ़ा भरा हुआ है जिसे ब्लू फिल्में चाहिए। वह उसी तरह के घटिया मज़ाक पसंद करते हैं और फिर हेकड़ी दिखाते हुए ट्वीटर पर सनसनी पैदा करने की कोशिश करते हैं। ध्यान रहे, उन्होंने ऐसा पहली बार नहीं किया है, बल्कि वे पहले भी ये काम कर चुके हैं।
अगर वे सुर्खियाँ या तालियाँ बटोरने के लिए ये सब कर रहे हैं तो ये बहुत ही घटिया तरीका है। उन्हें कुछ और बेहतर सोचना चाहिए, बेशक वो कटाक्ष की शक्ल में हो। अच्छे व्यंग्य को सब पसंद करते हैं। लेकिन गाली-गलौज़ और वह भी नारी द्वेषी टिप्पणियाँ बर्दाश्त नहीं की जाएँगी। बल्कि उन्हें इस तरह की रियायत माँगने का हक़ ही नहीं है।
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