चुनाव से पहले ही लड़ाई हार जाएंगे डोनाल्ड ट्र्म्प?


रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्र्म्प का चुनाव अभियान संकट में पड़ गया है। उनकी पार्टी के कई नेताओं ने उनका साथ देने से मना कर दिया है और वे खुलकर उनके विरोध में बयान देने लगे हैं। आलम ये है कि ट्र्म्प की उम्मीदवारी ही खारिज़ करने की माँग ज़ोर पकड़ने लगी है।
यूँ तो ट्र्म्प पहले से ही हिलेरी के मुक़ाबले पीछे चल रहे थे। लेकिन सन् 2005 की एक रिकॉर्डिंग सामने आने के बाद तो उनकी हालत बहुत खराब हो गई है। चारों तरफ से उन पर थू थू हो रही है। इस टेप में वे महिलाओं के बारे में बहुत ही अभद्र टिप्पणियां करते देखे गए हैं।

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ट्रम्प के चरित्र के बारे में अगर किसी को कोई संदेह रहा होगा तो वह इन ओछी टिप्पणियों को सुनकर दूर हो गया होगा। महिलाओं में तो उनकी छवि बिल्कुल ही तबाह हो गई है, जबकि रिपब्लिकन भी सदमे की स्थिति में हैं। वे उनका बचाव नहीं कर पा रहे।

ज़ाहिर है ऐसे में विपक्षी उम्मीदवार हिलेरी के ख़िलाफ़ अभियान चलाना उनके लिए लगभग असंभव होता जा रहा है। इसीलिए अब तो ये आम धारणा बनती जा रही है कि वे रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी के लायक भी नहीं हैं, इसलिए उनसे वह छीन ली जानी चाहिए।

रिपब्लिकन पार्टी धर्मसंकट में फँस गई है। उसके पास दो ही रास्ते हैं। या तो ट्रम्प का साथ दे या फिर नया उनसे उम्मीदवारी वापस ले ले। लेकिन दोनों ही सूरतों में उसकी हार तय है। फिर उसकी मिट्टी पलीद तो होनी ही है। उसने एक बड़ी भूल की है और अब उसकी सज़ा भुगतने का समय है।

इसके विपरीत डेमोक्रेटिक पार्टी के हौसले बुलंद हो चुके हैं। वह तीखे हमले कर रही है। यहाँ तक कि राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी ये रिप्ब्लिकन नेताओं से कहा है कि ट्र्मुप की निंदा-भर्त्सना करने से ही काम नहीं चलेगा, बल्कि उन्हें ट्र्म्प से उम्मीदवारी वापस ले लेना चाहिए।

चुनाव के एक महीने पहले ट्रम्प के लिए ये बहुत ही निराशाजनक स्थिति है। अब ये तय हो गया है कि रिपब्लिकन पार्टी से उन्हें सहयोग नहीं मिलेगा और मिलेगा भी तो आधा-अधूरा। साफ़ है कि जब पार्टी ही साथ नहीं होगी तो मतदाता उन्हें वोट क्यों देंगे।

हाल के जनमत सर्वेक्षणों से पता चला है कि हिलेरी और ट्र्म्प के बीच का फासला बढ़ता जा रहा है। बीच में एक समय आया था जब लग रहा था कि ट्रम्प दूरी को पाट रहे हैं और मुक़ाबला काँटे का हो सकता है. लेकिन अब ऐसा लगने लगा है कि कहीं ये एकतरफा न हो जाए।

यानी सूरत-ए-हाल ये बन गई है कि चुनाव के पहले ही ट्रम्प लड़ाई हार गए हैं। ये बेशक़ रिपब्लिकन पार्टी के लिए अच्छा नहीं है, मगर अमेरिका के लिए बेहतर होगा। हालाँकि हिलेरी भी कोई अच्छी उम्मीदवार नहीं हैं, मगर नस्लवादी, नारी विरोधी, अतिवादी ट्रम्प का राष्ट्रपति बनना निश्चय ही देश और दुनिया के लिए ख़तरनाक़ होता।

चुनाव से पहले ही लड़ाई हार जाएंगे डोनाल्ड ट्र्म्प?
Donald Trump will lose the battle before the elections?

Written byचक्रवीर ताम्रकार



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