गुंडों से डरूंगा नहीं, फवाद के साथ 10 फिल्में बनाऊंगा-करण जौहर


फिल्म निर्माता-निर्देशक इस समय बुरी तरह ख़फ़ा हैं, मगर वे उसे ज़ाहिर नहीं कर पा रहे। कभी वे बाल नोचते हैं तो कभी नाख़ून चबाने लगते हैं। ये उनकी बेबसी है लाचारी है जिसे उन्होंने एक बयान के ज़रिए ज़ाहिर करने की कोशिश की थी मगर शिवसैनिक उनके पीछे पड़ गए और उन्हें फिर से चुप लगानी पड़ गई।

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दरअसल, उनकी फ़िल्म एक बार फिर फँस गई है। ऐ दिल है मुश्किल रिलीज़ होने को तैयार है, मगर एमएनएस और शिवसैनिकों ने पाकिस्तानी कलाकारों का मुद्दा छेड़कर संकट ख़ड़ा कर दिया है। अब करण को लग रहा है कि इनके दंगाई दस्ते अगर पीछे पड़ गए तो उनकी फिल्म के बारह बज जाएंगे। पिछली बार माई नेम इज़ ख़ान की रिलीज़ के समय भी यही हुआ था। वैसे वे खुश भी हैं कि सही समय पर कंट्रोवर्सी खड़ी की गई है और फिल्म की फ्री पब्लिसिटी हो रही है। मार्केटिंग का पूरा खर्चा बच गया है उनका।

बहरहाल, उन्हें समझ में आ गया कि सरेंडर करने से कुछ नही होगा और अगर कंट्रोवर्सी से मिली पब्लिसिटी को सही तरीक़े से भुनानी है तो उन्हें कोई न कोई तरकीब निकालनी पड़ेगी। इसके लिए उन्हें जो रास्ता सूझा उससे मेरा फ़ायदा हो गया। उन्हें लगा कि अगर एनकाउंटर के ज़रिए अपनी बात कह दी जाएगी तो मैसेज भी पहुँच जाएगा और अगर किसी को शक़ भी नहीं होगा कि उन्होंने सच में ऐसा कहा है। इसीलिए मंगलवार की शाम वे दिल्ली चले आए और एक पांच सितारा होटल में हमारी मुलाकात हुई। मुलाक़ात के दौरान जो बात हुई वह इस तरह है।

करण, पूरी इंडस्ट्री चुप मारकर बैठी हुई है मगर आपने बोलकर पंगा ले लिया शिवसैनिकों से। क्या ज़रूरत थी इसकी?
अरे मेरी फिल्म फँसी हुई है और आप पूछ रहे हैं कि क्या ज़रूरत थी इसकी। इस फिल्म पर में करोड़ों लगे हुए हैं और अगर उसे नहीं चलने दिया गया तो मैं तो बरबाद हो जाऊंगा न।

अरे औरों की तरह चुप रहते और एमएनएस तथा शिवसेना से उसी तरह डील कर लेते जैसे दूसरे करते आए हैं?
पहले तो मैंने यही सोचा था, मगर जब उधर से सकारात्मक जवाब नहीं आया तो मुझे बोलना पड़ा।

क्या बोला उन्होंने?
यही कि यही तो वक़्त है सियासी रोटियाँ सेंकने का। इस मुद्दे के बहाने हम खुद को सबसे बड़ा देशभक्त साबित करेंगे और अपना वोट बैंक मज़बूत करेंगे। हिंदुत्ववादियों में अभी पाकिस्तान को लेकर गुस्सा उमड़ा हुआ है, हमारे अभियान से खुश होकर वे हमारी तरफ़ झुक जाएंगे। अगर हमने ऐसा नहीं किया तो बीजेपी हमसे बड़ी देशभक्त पार्टी हो जाएगी और हम देखते रह जाएंगे।


ओह तो ये बात थी?
और नहीं तो क्या? ये उनका चिर-परिचित हथकंडा है। कभी वे पिच खोदने की धमकी देते हैं, कभी पाकिस्तानी कलाकारों को भगाने की। उन्हें तो बस बहाना चाहिए सुर्ख़ियों में रहने का और इससे आसान रास्ता उन्हें कोई नहीं दिखता।

इसका मतलब है कि आपके पास कोई चारा नहीं था। वैसे आपने फवाद ख़ान को लेकर जोख़िम क्यों उठाया?
अरे भाई फवाद बेहतरीन एक्टर है, हिंदुस्तान में उसके लाखों चाहने वाले हैं, ख़ास तौर पर महिलाओं में वह काफी लोकप्रिय है, इसलिए मुझे लगा कि उसको लेकर फिल्म बनाऊँगा तो हिट रहेगी। फिर जब मैंने उसे लेने का फ़ैसला किया था तब न उड़ी पर अटैक हुआ था और न ही इतना तनाव बढ़ा था कि जंग के हालात बन जाएंगे। फिल्म भी बड़े आराम से बन गई, कहीं कोई पंगा नहीं हुआ।

हो सकता है कि शिवसैनिक और एमएनएस फिल्म के रिलीज़ का इंतज़ार कर रहे हों?
हाँ, ये हो सकता है क्योंकि रिलीज़ के समय ही सबका ध्यान फिल्म पर होता है और उस समय अगर दंगा-फसाद करो तो मीडिया में छाने का मौक़ा मिल जाता है।

तो आप क्या ये कहना चाहते हैं कि इससे देशभक्ति का कुछ भी लेना-देना नहीं है, ये विशुद्ध राजनीति है?
देशभक्ति घंटा है। इनको न देश का पता है न संस्कृति का। ये लोग गुंडे है गुंडे। इनके मन में नफ़रत और हिंसा कूट-कूटकर भरी हुई है। इन्हें ये बात समझ में नहीं आएगी कि कला की कोई सरहद नहीं होती और कलाकार का कोई मुल्क नहीं होता। ये लोग जोड़ने वाले होते हैं, उनकी तरह तोड़ने वाले नहीं।

लेकिन उनका तो कहना है कि पाकिस्तानी कलाकार यहाँ आकर पैसा कमाते हैं?
जितना वो कमाते हैं उनसे ज़्यादा हम। हमारी फिल्में वहाँ खूब देखी जाती हैं। हमारा फिल्म संगीत वहाँ बेहद लोकप्रिय है। हमारे टीवी सीरियल्स बहुत पॉपुलर हैं। हमें एवज में कितना मिलता है वे इसका हिसाब ही नहीं करते और मूर्खों की तरह चिल्लाने लगते हैं।

क्या गायक अभिजीत भी मूर्ख है?
जो भी इस तरह से सोचता है मूर्ख है। बल्कि गंदी सोच वाला है, तंग दिल और तंग ज़हन का इंसान है। ऐसा आदमी कलाकार तो हो ही नहीं सकता। देशभक्ति का रट्टा मारने से कोई देशभक्त नहीं हो जाता। पहले तो समझना होता है कि सच्ची देशभक्ति क्या होती है। ये लोग ये नहीं देखते कि उनके आने जाने से देश को क्या-क्या फ़ायदे होते हैं। वे यहाँ से जाकर दुनिया भर में हमारी तारीफ़ करते हैं। कहते हैं कि भारत खुला मुल्क है, वहाँ की हवा में आज़ादी है, सुकून है। वे हमारे दूत बन जाते हैं जिससे हमारी कूटनीति को भी समर्थन मिलता है। उन्हें गालियां देकर या उन्हें भगाकर हम भारत की प्रतिष्ठा को गिरा रहे हैं। मूर्खों को ये छोटी सी बात समझ में ही नहीं आती।


देखिए आप कुछ ज़्यादा बोल रहे हैं। कहीं ऐसा न हो कि आपको और भी नुकसान उठाना पड़ जाए?
मैं गुंडों से नहीं डरूंगा, फवाद के साथ दस और फिल्में बनाऊँगा। बल्कि एक बड़ी बजट की फिल्म केवल पाकिस्तानी कलाकारों को लेकर बनाऊँगा, उन्हें जो करना है कर लें। मैं सच्चा देशभक्त हूँ और जानता हूँ कि मुझे क्या करना चाहिए और क्या नहीं।

आप बहुत उत्तेजित नहीं हो रहे?
हो रहा हूँ, आपको भी होना चाहिए। ये लोग इस तरह की हरकतें बार-बार करेंगे तो गुस्सा तो आएगा न। पिछली बार तो मेरी फिल्म में कोई पाकिस्तानी नहीं था, मगर उन्होंने उसमें भी बहाना ढूँढ़ लिया था विरोध का। तो इनके इरादे खराब हैं, नीयत खराब है। ये देशभक्त नहीं देश विरोधी लोग हैं। पूरे देश को इनसे सावधान हो जाना चाहिए।

आप अभिजीत को कोई मैसेज देना चाहेंगे?
मैसेज दूँगा भी तो उसकी समझ में नहीं आएगा, क्योंकि उसके दिल और दिमाग़ में ज़हर भरा हुआ है। उसका दुख ये है कि उसे कोई पूछता नहीं। किशोर कुमार की नक़ल करके कुछ दिन तो चल गया मगर अब कोई पूछता नहीं। मेरे से तो और भी ख़ार खाए रहता है क्योंकि मैं उसे काम नहीं देता। इसीलिए उसने भी सोच-समझकर इसी समय ये पंगा ख़ड़ा किया है। फिर भी आपने कहा है तो मैं उसे यही मैसेज दूँगा कि भाई तू गायक है, कलाकार है और कलाकार की तरह बिहेव कर, गुंडों, मवालियों की तरह नहीं। हाँ अगर तुझे भी अनुपम खेर की तरह राज्यसभा में जाना है तो करता रह मगर फिर खुलकर कर  न यार। इस तरह छिप-छिपकर मत कर।

अब अगर फिल्म की रिलीज़ में दिक्कत आई तो क्या करेंगे?
करेंगे क्या, फिर से मोदीजी के पास जाकर रिक्वेस्ट करूँगा। वे इन लोगों के बॉस हैं। वे इन्हें मना करेंगे तो सब ठीक हो जाएगा।

क्या फवाद ख़ान लौटकर आएंगे अब?
ज़रूर लौटकर आएंगे। जल्दी ही इनके ताज़िए ठंडे पड़ जाएंगे और मैं उन्हें लेकर पूरे देश मे घूमूंगा। गुंडों की फौज को बताना ज़रूरी है कि तुम्हारे हिसाब से देश नहीं चलेगा। 

करण जौहर के ये तेवर देखकर मुझे अच्छा लगा। मैंने उन्हें फिल्म की सफलता के लिए शुभकानाएं दीं और चला आया।

गुंडों से डरूंगा नहीं, फवाद के साथ 10 फिल्में बनाऊंगा-करण जौहर
I will not afraid of Gunda elements, will make 10 films with Fawad Khan- Karan Jauhar
Written by-डॉ. मुकेश कुमार









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वैधानिक चेतावनी - ये व्यंग्यात्मक शैली में लिखा गया काल्पनिक इंटरव्यू है। कृपया इसे इसी नज़रिए से पढ़ें।

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