हिंदुओं को ही ख़तरे में डाल रहे हैं संघ और सरकार?

हिंदुओं को ही ख़तरे में डाल रहे हैं संघ और सरकार? 


This Politics Is Putting Hindus at Risk—A Must-Watch! #HindusInDanger #DangerousPolitics #SanghParivar #HinduDebate #IndianPolitics #PoliticalControversy

क्या संघ और सरकार सिर्फ़ हिंदुओं को ही ख़तरे में डाल रहे हैं?


इस वीडियो में, हम उन राजनीतिक रणनीतियों के बारे में बढ़ती चिंताओं पर गहराई से चर्चा करेंगे, जो हिंदुओं को ही अंतिम बलि का बकरा बनाती हैं।

This Politics Is Putting Hindus at Risk—A Must-Watch!
This Politics Is Putting Hindus at Risk—A Must-Watch!

विभाजनकारी आख्यानों से लेकर भौंहें चढ़ाने वाली नीतियों तक, हम हिंदू समुदाय पर इस ख़तरनाक राजनीति के वास्तविक प्रभाव को उजागर कर रहे हैं।

यह भी आपको पसंद आ सकता है


अभी हमें फ़ॉलो करें

क्या यह सिर्फ़ सत्ता के लिए एक रणनीति है, या कोई बड़ी योजना चल रही है? 

चौंकाने वाली जानकारियों को जानने और यह समझने के लिए अंत तक देखें कि वास्तव में क्या दांव पर लगा है!

इस बातचीत में शामिल हों क्योंकि हम यह पता लगाते हैं कि कैसे ये राजनीतिक कदम न सिर्फ़ भारत में हिंदुओं के वर्तमान बल्कि भविष्य को भी प्रभावित करते हैं।

क्या ये फ़ैसले विचारधारा या विशुद्ध राजनीतिक लाभ से प्रेरित हैं?

नीचे टिप्पणियों में अपने विचार साझा करें, और अधिक साहसिक चर्चाओं के लिए लाइक, सब्सक्राइब और बेल आइकन दबाना न भूलें!





Are the Sangh and the government putting only the Hindus in danger? 


In this video, we dive deep into the growing concerns about political strategies that seem to single out Hindus as the ultimate scapegoats. 

From divisive narratives to policies that raise eyebrows, we’re unpacking the real impact of this dangerous politics on the Hindu community. 

Is it just a strategy for power, or is there a bigger plan at play? Watch till the end to uncover shocking insights and understand what’s truly at stake!

Join the conversation as we explore how these political moves affect not just the present but also the future of Hindus in India. 

Are these decisions driven by ideology or pure political gain? 

Share your thoughts in the comments below, and don’t forget to like, subscribe, and hit the bell icon for more bold discussions!


वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण
Analysis by senior journalist
Prof. (Dr.) Mukesh Kumar
Journalist, TV Anchor, Writer, Poet & Translator

प्रोफेसर (डॉक्टर) मुकेश कुमार के बारे

एक शख्स जो सुबह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता है, फिर किसी चैनल पर बहस कर रहा होता है, और शाम  को किताब लिखने में जुट जाते हैं! जी, वही हैं हमारे डॉ. (प्रोफेसर) मुकेश कुमार.


About Professor (Doctor) Mukesh Kumar
Dr. Mukesh Kumar


उन्होंने मीडिया की दुनिया में 30 साल से भी ज़्यादा का समय बिताया है. सोचिए, जब टीवी पर रंगीन टीवी नहीं आते थे, तब वह पत्रकारिता कर रहे थे!

उनके नाम छह न्यूज़ चैनल लॉन्च करने का रिकॉर्ड है, और अनगिनत शोज़ की एंकरिंग कर चुके हैं. उनकी बातचीत इतनी दिलचस्प होती है कि दर्शक टकटकी लगाकर देखते रहते हैं.


लेकिन प्रोफेसर कुमार सिर्फ टीवी के ही सुल्तान नहीं हैं. उन्हें लिखने का भी बड़ा शौक है.

उनकी 13 किताबें छप चुकी हैं, जिनमें से कुछ तो पत्रकारिता की तकनीक पर हैं, तो कुछ में उन्होंने कहानियों और कविताओं को पिरोया है.

अब सोचिए, इतना कुछ करने के बाद भी वह यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं. उनकी क्लासेज़ में स्टूडेंट्स को सिर्फ थ्योरी नहीं, बल्कि असल ज़िंदगी का अनुभव भी मिलता है.

कहीं ना कहीं वह अपनी ज़िंदगी का हर रंग अपने स्टूडेंट्स पर भी बिखेर देते हैं. 

तो कुल मिलाकर, डॉ. (प्रोफेसर) मुकेश कुमार  एक ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने मीडिया और शिक्षा की दुनिया में अपना परचम लहराया है.

वह हर काम को पूरे जुनून और लगन से करते हैं, और यही बात उन्हें सबसे अलग बनाती है.

Previous Post Next Post