कांग्रेस क्यों निकालेगी EVM के ख़िलाफ़ यात्रा?

कांग्रेस क्यों निकालेगी EVM के ख़िलाफ़ यात्रा?

Congress Declares War on EVMs: What’s Behind Their March? #CongressMarch #EVMProtest #IndianElections #DemocracyInIndia #PoliticalNews #CongressVsEVM #VotingMachineDebate

कांग्रेस ईवीएम के खिलाफ मार्च क्यों शुरू करेगी? इस वीडियो में, हम इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल के खिलाफ सड़कों पर उतरने के कांग्रेस के साहसिक फैसले पर गहराई से चर्चा करेंगे। 


ईवीएम पर इस युद्ध को कौन बढ़ावा दे रहा है? 

Congress Declares War on EVMs: What’s Behind Their March?
Congress Declares War on EVMs: What’s Behind Their March?

क्या यह चुनावी पारदर्शिता की लड़ाई है, कोई राजनीतिक रणनीति है या इससे भी बड़ी कोई बात है? 

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कांग्रेस के मार्च के पीछे के कारणों को जानने और भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली में ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर चल रही बहसों का पता लगाने के लिए हमारे साथ जुड़ें। 

कांग्रेस द्वारा ईवीएम के खिलाफ युद्ध की घोषणा के साथ ही राजनीतिक युद्ध का मैदान गर्म हो गया है! 

क्या वे चुनावी प्रक्रिया के बारे में वैध चिंताएं उठा रहे हैं या यह सिर्फ एक और राजनीतिक कदम है? 

इस दिलचस्प चर्चा में, हम मार्च से पहले की घटनाओं, ईवीएम के खिलाफ आरोपों और भारत में चुनावों के भविष्य के लिए इसके क्या मायने हैं, इस पर चर्चा करेंगे। 

इसे मिस न करें—अभी प्ले बटन दबाएं और बातचीत में शामिल हों!




Why will Congress launch a march against EVMs? In this video, we dive deep into Congress's bold decision to take to the streets against the use of Electronic Voting Machines (EVMs). 


What’s fueling this war on EVMs? Is it a fight for electoral transparency, a political strategy, or something bigger? 

Join us as we uncover the reasons behind Congress’s march and explore the debates surrounding the reliability of EVMs in India’s democratic system.

As Congress declares war on EVMs, the political battlefield heats up! 

Are they raising valid concerns about the electoral process, or is this just another political move? 

In this engaging discussion, we’ll break down the events leading up to the march, the accusations against EVMs, and what this means for the future of elections in India. 

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वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण
Analysis by senior journalist
Prof. (Dr.) Mukesh Kumar
Journalist, TV Anchor, Writer, Poet & Translator

प्रोफेसर (डॉक्टर) मुकेश कुमार के बारे

एक शख्स जो सुबह यूनिवर्सिटी में पढ़ाता है, फिर किसी चैनल पर बहस कर रहा होता है, और शाम  को किताब लिखने में जुट जाते हैं! जी, वही हैं हमारे डॉ. (प्रोफेसर) मुकेश कुमार.

उन्होंने मीडिया की दुनिया में 30 साल से भी ज़्यादा का समय बिताया है. सोचिए, जब टीवी पर रंगीन टीवी नहीं आते थे, तब वह पत्रकारिता कर रहे थे!

उनके नाम छह न्यूज़ चैनल लॉन्च करने का रिकॉर्ड है, और अनगिनत शोज़ की एंकरिंग कर चुके हैं. उनकी बातचीत इतनी दिलचस्प होती है कि दर्शक टकटकी लगाकर देखते रहते हैं.


लेकिन प्रोफेसर कुमार सिर्फ टीवी के ही सुल्तान नहीं हैं. उन्हें लिखने का भी बड़ा शौक है.

उनकी 13 किताबें छप चुकी हैं, जिनमें से कुछ तो पत्रकारिता की तकनीक पर हैं, तो कुछ में उन्होंने कहानियों और कविताओं को पिरोया है.

अब सोचिए, इतना कुछ करने के बाद भी वह यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं. उनकी क्लासेज़ में स्टूडेंट्स को सिर्फ थ्योरी नहीं, बल्कि असल ज़िंदगी का अनुभव भी मिलता है.

कहीं ना कहीं वह अपनी ज़िंदगी का हर रंग अपने स्टूडेंट्स पर भी बिखेर देते हैं. 

तो कुल मिलाकर, डॉ. (प्रोफेसर) मुकेश कुमार  एक ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने मीडिया और शिक्षा की दुनिया में अपना परचम लहराया है.

वह हर काम को पूरे जुनून और लगन से करते हैं, और यही बात उन्हें सबसे अलग बनाती है.

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