रवीन्द्रनाथ टैगोर से क्या सीखें?

सात ( 7 ) अगस्त 1941 को रवीन्द्रनाथ टैगोर की मृत्यु हुई, यानी ये दिन हम भारतवासियों के लिए स्मरणीय दिन है।  इस दिन हमारा एक महान लेखक इस...
Read More

कवयित्री शुभम श्री पर पत्थर बरसाने वाले कौन हैं

साहित्य से जुड़े पुरस्कारों पर विवाद होना कोई नई बात नहीं है और न ही रचनाकारों और रचनाओं का विवादों में फँसना। लेकिन युवा कवयित्री शुभम ...
Read More

मने तो सजावटी मुख्यमंत्री थी, प़ॉवर-सावर कुछ नथी थे-आनंदी

आनंदी बेन का दुखी चेहरा देखकर ये मत समझिएगा कि वे इस्तीफा ले लिए जाने से दुखी हैं। बेशक कुर्सी जाने का ग़म तो उन्हें है ही, मगर वे वैसे ...
Read More

देशकाल के लिए लिखिए

हिंदी में अच्छा एवं सार्थक लिखने वालों की कोई कमी नहीं है मगर ऐसे मंचों का अभाव ज़रूर है जहाँ उनकी रचनाओं को समुचित सम्मान मिले और वे बड़े ...
Read More

क्या इसे उपराज्यपाल और केंद्र को क्लीन चिट मान लें?

हाईकोर्ट के फ़ैसले के बाद दिल्ली सरकार के अधिकारों के बारे में स्थिति बिल्कुल साफ़ हो गई है। दिल्ली में उपराज्यपाल का ही राज चलेगा यानी ...
Read More

इसलिए छलावा और झूठों का बंडल है GST

वस्तु एवं सेवा कर बिल को राज्यसभा से भी हरी झंडी मिल गई है और अब उसे लागू करने की लंबी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लेकिन यदि आप इस खामखयाली...
Read More

कसूर हिंदुत्व के गुजरात मॉडल का और सज़ा आनंदी बेन को?

बीजेपी हाईकमान ने गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल से इस्तीफ़ा माँग लिया। हाईकमान को लगा कि वे गुजरात को सँभाल नहीं पा रहीं और अगर ब...
Read More

दुकान

जिस दुकान में पीने जाता हूँ मैं वहाँ एक औरत रहती है। वहाँ एक औरत रहती है इसलिए शाम से रात तक ठुँसे होते हैं मर्द उस दुकान में जा...
Read More

अतिथि

बिना कुछ पूछे ही मेरे ह्रदय के दरवाज़े खोलकर वह अंदर आ गया आते ही उसने प्रेम से सजा मेरा गुलदस्ता तोड़ दिया कहाँ का मनहूस इंसान- ...
Read More

आग

आग से गल जाती हूँ और नए-नए साँचे में ढालती हूँ अपने आपको कभी-कभी बहुत दिनों तक घुसी रहती हूँ आग के भीतर ही। ठिठुरन भरी रातों के लि...
Read More

केश खुले ही रहने दो याज्ञसेनी

केश खुले ही रहने दो याज्ञसेनी कालसर्प की तरह चारों ओर फैल जाए तुम्हारी मेघवर्ण केशराशि उसकी छाया में ढँक जाएं चाँद, तारे और सूर्य क...
Read More

राष्ट्रवाद खूब बिकता है लेकिन....?

हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद मीडिया एक बार फिर उन्मादग्रस्त हो गया है। अंधराष्ट्रवाद का ऐसा बुखार उस पर चढ...
Read More