न्यूज़ चैनलों में न्यूज़ से ज्यादा विज्ञापनों की भरमार


टीवी न्यूज चैनलों पर विज्ञापनों की भरमार है चैनल पैसा कूट रहे है और टीआरपी रेंटिग को देखकर लगता है कि दर्शकों को भी न्यूज से ज्यादा विज्ञापन देखने में रुचि है.. अगर ऐसा नहीं है तो सबसे तेज चैनल नंबर वन क्यों बना हुआ है..

अगर आप भी गौर से देखे तो आजतक पर हर आधे घंटे के बुलेटिन में न्यूज के लिए महज दस से ग्यारह मिनिट होते है ..करीब बीस मिनट विज्ञापन चलते है लेकिन फिर भी वो थोडी नुकसान के साथ ही सही ..नंबर वन बना हुआ है..दर्शकों को बांधे रखने के लिए इस चैनल ने सोना जीतो प्रतियोगिता चलाई है जिसमें आसान सवाल पूछे जा रहे है ..सवाल जैसे दीपावली कब है.. धनतेरस कब मनाई जाती है..देश के प्रधानमंत्री का नाम क्या है.. आप सोचिए इन सवालों के जवाब में लाखों एसएमएस आते है और इनसे भी चैनल की कमाई होती है.. हांलाकि चैनल को इससे एक फायदा ये भी है कि दर्शक टीवी से चिपका रहता है और वो टीआरपी में भी कंवर्ट होता है .. यानि त्यौहार के सीजन में हींग लगे ना फिटकरी रंग चोखा की कहावत को चरितार्थ करना कोई देश के इस सबसे तेज चैनल से सीखे..

अब खबरों में क्या चला क्या नहीं .. तो भई इस हफ्ते की रेंटिग चार्ट में मिलाजुला माहौल देखने को मिला.. यानि एक बैंड में एक खबर खूब चली तो दूसरे बैंड में वो ही खबर पिट गई.. मसलन मिलावट को ही लें..मिलावट का खेल आजतक और इंडिया टीवी को अलग अलग बैंड में फायदा पहुंचा रहा है.इसी तरह से करवा चौथ के दिन शाम 5 बजे से लेकर रात 8 बजे तक लोगों ने इंडिया टीवी को खूब देखा लेकिन 8 बजे के बाद जब जगह जगह से चंद्रमा की तस्वीरें दिखाना आजतक ने शुरु किया तो वो छा गया..टीआरपी मीटर जैसे आजतक की झोली में गिर गए..

महाविनाश और तबाही की खबरों में लोगों की रुचि अभी भी बनी हुई है हांलाकि कुछ बैंड में ये खबरें पिट गई है.. लेकिन यहां भी इन खबरों ने रेंटिग ठीक ठाक दी है.. चीन से जुडी खबरों का भी ये ही हाल है कहीं ये चल रही है तो कहीं पिट रही है..

इस हफ्ते सबसे ज्यादा नुकसान स्टार न्यूज को हुआ है.. ये प्रयोगधर्मी चैनल हिट कार्यक्रमों को भी नहीं समझ रहा है ..इसके कई प्रोग्राम पिछले दिनों हिट रहे लेकिन उन्हें आगे बढाने के बजाए उन्हें ये बंद कर देता है.. चैनल चलाने वालों की सोच भगवान ही जाने.. क्योंकि क्रेडिबिलटी भी इस चैनल की इतनी नहीं बन पा रही है ..आज भी आजतक पर खबरों को देखकर जो रिएक्शन होता है वो इस चैनल की खबरों का नहीं होता.. टीआरपी गुरु को लगता है कि इस चैनल पर टीआरपी को लोग गौर से देखते नही् है तभी तो यहां 90 के दशक के कार्यक्रम चलते हुए दिख रहे है ..जैसे महाराष्ट्र चुनाव में पैनल चर्चा ..ये सब पिट चुका है लोगों की इसमें बिल्कुल रुचि नहीं है.. स्टार अगर इसी तरह से चलता रहा तो ये पांचवे छठे नंबर पर चला जाए तो आश्चय नहीं होना चाहिए..

टीआरपी फंडा-
चलते चलते आपको बता देते है टीआरपी फंडा ..एक बार जो प्रोग्राम टीआरपी दे जरुरी नहीं है कि वो हर बार टीआरपी देगा ही सही.. इंडिया टीवी ने बाबा रामदेव और श्वेता साल्वे को लेकर आपकी अदालत की बदौलत दो हफ्ते जमकर टीआरपी लूटी..इस हफ्ते भी जब उन्होंने इस कार्यक्रम को रिपीट किया तो रात दस बजे के बैंड में ये पूरा प्रोग्राम की औंधे मुंह जा गिरा..
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